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Shami Ki jad (Shani Grah ke liye)

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Shami Ki jad (Shani Grah ke liye)

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  • ज्योतिष के अनुसार, जो लोग नीलम रत्न धारण नहीं कर सकते वो लोग शमी की जड़ हाथ में बांध सकते हैं। जिसका फल भी व्यक्ति को नीलम के बराबर ही प्राप्त होगा और शनि दोष, साढ़ेसाती इत्यादि से जल्द छुटकारा मिल जाता हैं। शमी को गणेश जी का प्रिय पेड़ माना जाता है

Description

  • Sammi Root (शनि ग्रह) Saturn Planet

  • ज्योतिष के अनुसार, जो लोग नीलम रत्न धारण नहीं कर सकते वो लोग शमी की जड़ हाथ में बांध सकते हैं। जिसका फल भी व्यक्ति को नीलम के बराबर ही प्राप्त होगा और शनि दोष, साढ़ेसाती इत्यादि से जल्द छुटकारा मिल जाता हैं। शमी को गणेश जी का प्रिय पेड़ माना जाता है।
  • सामान्य रूप से शनि ग्रह (पाप ग्रह) अच्छा नहीं माना जाता है, परंतु यदि जीवन में इसकी कृपा दृष्टि बरसती है तो व्यक्ति के भाग्य खुल जाते हैं। यह हमारे कर्म का कारक होता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति का जीवन कष्टमय गुजरता है। इसलिए इसके बुरे प्रभाव से बचने एवं कृपा दृष्टि पाने के लिए इस दिव्य शम्मी जड़ को धारण करना शुभ माना जाता है।
  • आयुर्वेद की दृष्टि से तंत्रिका और गठिया रोग से मुक्ति पाने के लिए भी यह बेहद कारगर हैं।
  • शमी की जड़ को हाथ में बांधने से शनि दोष और साढ़ेसाती से जल्द छुटकारा मिलता है।
  • शमी की जड़ को तकिये के नीचे रखने से बुरी शक्तियां प्रभावित नहीं कर पातीं और मन शांत होता है।
  • शमी की जड़ को घर की पश्चिम दिशा में काले कपड़े में लपेटकर रखने से शनिदेव खुश होते हैं और नकारात्मकता दूर होती है।
  • धारण विधि – शमी की जड़ को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए। शनिवार के दिन शम्मी जड़ को सुबह पंचामृत – (कच्चा दूध गाय का, दही, शुद्ध घी, मधु एवं चीनी) से धोने के उपरांत गंगा जल से इस जड़ी को पवित्र करें फिर गंध (चंदन/रोड़ी/कुमकुम), अक्षत (चावल), पुष्प, धूप, दीप एवं नवेद (प्रसाद) से पूजन करें एवम शनि मंत्र (“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”) मंत्र का 108 बार जाप कर जड़ी को नीले कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लें।

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