Description
- ज्योतिष के मुताबिक, धतूरे की जड़ से कई फ़ायदे होते हैं। धतूरे की जड़ को बांधने से धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।
- सामान्य रूप से शनि ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है, परंतु यदि जीवन में इसकी कृपा दृष्टि बरसती है तो व्यक्ति के भाग्य खुल जाते हैं। यह हमारे कर्म का कारक होता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति का जीवन कष्टमय गुजरता है। इसलिए इसके बुरे प्रभाव से बचने एवं कृपा दृष्टि पाने के लिए जड़ को धारण करना शुभ माना जाता है। आयुर्वेद की दृष्टि से तंत्रिका और गठिया रोग से मुक्ति पाने के लिए भी यह बेहद कारगर है।
- अगर किसी व्यक्ति को शनि दोष है, तो शनिवार को धतूरे की जड़ को काले कपड़े में लपेटकर दाहिनी भुजा पर बांधना चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति को किसी से डर लगता है, तो अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ को घर में लाकर रखना चाहिए।
- धतूरे की जड़ को सोमवार को बाएं हाथ की कलाई में बांधने से कई समस्याओं का समाधान मिलता है।
- धतूरे की जड़ को घर के मेन गेट पर बांधने से धन की कमी नहीं होती और तिजोरी भरती है।
- धतूरे की जड़ से मस्तिष्क संबंधी रोगों में भी फ़ायदा मिलता है।
- धारण विधि – शनिवार के दिन जड़ी को सुबह पंचामृत – (कच्चा दूध गाय का, दही, शुद्ध घी, मधु एवं चीनी) से धोने के उपरांत गंगा जल से इस जड़ी को पवित्र करें फिर गंध (चंदन/रोड़ी/कुमकुम), अक्षत (चावल), पुष्प, धूप, दीप एवं नवेद (प्रसाद) से पूजन करें एवम मंगल मंत्र (“ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः”) मंत्र का 108 बार जाप कर जड़ी काले रंग के कपड़े में लपेटकर दाहिनी बाजू या कलाई में बाँधें।
ज्योतिषीय महत्व (Astrological Significance)
1. मंगल ग्रह (Mars) के प्रभाव को शांत करना:
- धतूरा की जड़ को मंगल ग्रह से संबंधित माना जाता है। मंगल, जो शौर्य, ऊर्जा और आक्रामकता का प्रतिनिधित्व करता है, यदि किसी की कुंडली में कमजोर हो, तो धतूरा की जड़ उसकी नकारात्मकता को कम करने में मदद कर सकती है।
- खासकर मंगल दोष (Mangal Dosh) को शांत करने के लिए धतूरा का उपयोग किया जाता है, जो विवाह और जीवन में अन्य परेशानियों का कारण बन सकता है। यह मंगल के अशुभ प्रभावों को शांत करने में सहायक है और व्यक्ति की साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
2. शनि के प्रभाव को कम करना:
- शनि का प्रभाव भी किसी की कुंडली में कई तरह की कठिनाइयों और विफलताओं का कारण बन सकता है। धतूरा की जड़ का उपयोग शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक माना जाता है, और यह व्यक्ति को समय के साथ धैर्य और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करती है।
3. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:
- धतूरा को तंत्र-मंत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे नकारात्मक ऊर्जा और काले जादू से बचने के लिए उपयोग किया जाता है। यह जड़ घर के प्रवेश द्वार या मंदिर में रखी जाती है ताकि वह बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करे।
- इसके अलावा, इसे शिव पूजा में भी उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भगवान शिव से जुड़ा हुआ है और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक तरीका माना जाता है।
4. मानसिक शांति और ध्यान में मदद:
- धतूरा की जड़ का उपयोग मानसिक शांति को बढ़ाने, ध्यान में गहरी एकाग्रता और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी किया जाता है। यह आत्मज्ञान की ओर बढ़ने में मदद करती है और व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक संतुलन लाती है।
स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits)
1. दर्द निवारक (Pain Relief):
- धतूरा की जड़ में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में राहत प्रदान करते हैं। विशेष रूप से, गठिया, संधिवात और मांसपेशियों के खिंचाव जैसी समस्याओं में यह प्रभावी रूप से उपयोगी है।
- इसे पेस्ट के रूप में त्वचा पर लगाने से सूजन और दर्द कम होता है। इसके अतिरिक्त, इसकी जड़ को उबालकर काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जाता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।
2. श्वसन तंत्र को मजबूत करना (Respiratory Health):
- धतूरा की जड़ का उपयोग श्वसन समस्याओं, जैसे दमा, खांसी, और ब्रोंकाइटिस में किया जाता है। यह श्वसन नलिकाओं को खोलने में मदद करती है और कफ को बाहर निकालने में सहायक है।
- इसका नियमित सेवन सांस लेने में कठिनाई से राहत दिलाता है और श्वसन तंत्र को साफ रखता है।
3. त्वचा की देखभाल (Skin Care):
- धतूरा की जड़ में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। यह त्वचा की समस्याओं जैसे मुंहासे, रैश और जलन को ठीक करने में मदद करती है।
- पेस्ट के रूप में लगाने से त्वचा की सूजन और जलन कम होती है, और यह त्वचा की चमक को भी बढ़ाता है।
4. मानसिक तनाव और चिंता (Stress and Anxiety Relief):
- धतूरा की जड़ का उपयोग मानसिक तनाव, चिंता और नींद न आने जैसी समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यह मानसिक शांति और गहरी नींद के लिए फायदेमंद होती है।
- धतूरा के सेवन से व्यक्ति को स्मृति में सुधार और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है। यह विशेष रूप से मानसिक थकान और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
5. पाचन स्वास्थ्य (Digestive Health):
- धतूरा की जड़ को पाचन क्रिया को सुधारने के लिए भी उपयोग किया जाता है। यह अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देती है।
- यह पेट के अंदर वायु और असंतुलन को ठीक करती है, जिससे पाचन तंत्र सही तरीके से कार्य करता है।
6. संक्रमण से बचाव (Antibacterial and Antifungal):
- धतूरा की जड़ में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं।
- इसे बाहरी रूप से घावों पर लगाने से सूजन और संक्रमण की समस्या कम होती है।
धतूरा की जड़ का उपयोग कैसे करें (How to Use Datura Root)
1. पेस्ट और काढ़ा (Paste and Decoction):
- धतूरा की जड़ का पेस्ट बनाकर जोड़ों और संधिवात पर लगाया जाता है। यह सूजन और दर्द में आराम देता है।
- काढ़ा बनाने के लिए धतूरा की जड़ को पानी में उबालें और इसका सेवन करें। यह श्वसन समस्याओं, खांसी और कफ को दूर करने में मदद करता है।
2. तेल का उपयोग (Using Datura Oil):
- धतूरा के तेल का उपयोग सिर में मसाज करने, जोड़ों के दर्द में राहत देने और मानसिक शांति के लिए किया जा सकता है। यह तेल मानसिक थकान और तनाव को कम करता है।
3. स्नान में उपयोग (Using in Bath):
- धतूरा की जड़ को पानी में डालकर स्नान करने से शरीर की थकान दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है। यह शरीर को शुद्ध और संचालित करता है।
सावधानियाँ (Precautions)
- विषाक्तता (Toxicity):
- धतूरा एक विषाक्त पौधा है और इसके अत्यधिक सेवन से हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। आत्मघाती प्रभाव, हॉलूसिनेशन, और दिल की समस्या हो सकती है।
- इसके सेवन से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करें।
- गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम (Risk for Pregnant Women):
- गर्भवती महिलाओं को धतूरा की जड़ का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे भ्रूण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- चिकित्सा सलाह जरूरी (Medical Supervision Required):
- यदि आप किसी अन्य बीमारी का इलाज करवा रहे हैं, तो धतूरा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।


Reviews
There are no reviews yet.